अनारक्षित वर्गों को आर्थिक आधार पर आरक्षण
अनारक्षित वर्गों को आर्थिक आधार पर आरक्षण
संसद में अनारक्षित वर्गों को सार्वजनिक नियोजन तथा शिक्षण संस्थाओं में आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर 10 % आरक्षण देने संबंधी 124 वाँ संविधान संशोधन विधेयक 9 जनवरी को पारित किया गया । इस संशोधन के माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 15 तथा अनुच्छेद 16 को भी संशोधित किया गया है
इस प्रकार भारत में पहली बार संविधान में आर्थिक आधार पर विशेष प्रावधान करने का तत्व सम्मिलित किया गया है । इसके बाद विभिन्न राज्यों ने भी सार्वजनिक नियोजन में आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए विज्ञप्ति जारी कर दी ।
चूँकि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक निर्णय में आरक्षण की ऊपरी सीमा को 50 % तक स्थापित किया है । और आर्थिक आधार पर आरक्षण का प्रावधान किये जाने के पश्चात् कुल आरक्षण इस सीमा को पार कर जाता है । अत : नवीन आरक्षण के प्रावधान को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती भी दी गयी है । बुद्धिजीवियों द्वारा काफी समय से आरक्षण के आधार ( आर्थिक अथवा जातिगत् ) पर चर्चा की जाती रही है । हालिया कदम ने इस विमर्श को एक बार फिर से सतह पर ला दिया है । कुल मिलाकर अब इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय सर्वोच्च न्यायालय को ही लेना है ।
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