26 जनवरी मुबारक हो
26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस
कितने सब धूम धम से मानता थे
अब ये जितने भी त्योहार और खास दिन है
सब अच्छे से सोशल नेटवर्किंग साइट में माना लेते है
हर जगह बस विश करते है
यही वो दिन था 26 जनवरी जिस दिन संविधान लागू हुआ
संविधान सबको बराबर और अधिकारो के हनन और आत्यचार को रोकता है
में एक खास मुद्दा पर बात करने वाला हूं
वो है पर्यवारण अब आप लोग कहेंगे गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर पर्यावरण कहा से आया
इस दिन तो शहीदों और बलिदानियों को याद करते है
तिरंगा फहराते है
आज जो शान से जीवन जी रहे यही बलिदानियों के कारण है इस सभी बलिदानियों का शत शत नमन करते हैं
आज का दिन एक अलग खुशी और उत्साह का दिन लगता है
एक उदाहरण है जब किसी का पर ज़ुल्म होता है
लोग कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाता है
जिससे उन्हें सही और अपने अधिकार मिले
सब बात आती है वो बेहजुबान और मासूम का जिसका
लोगो को सब पता होता है
पर अपने स्वार्थ के कारण उनका अधिकार का हनन हो रहा
वो है पर्यवारण
सही में चौक गए ना
ये पर्यावरण पर एक नहीं अरबों अत्याचार हो रहा
पर पर्यावरण चुप है
वो सब कुछ सहन कर रही है
वो कहते है ना
धरती मा है
अच्छा एक बात सबको पता है
तिरंगा में 3 रंग है इनमें से एक रंग हरा है
जिसको हरियाली का प्रतीक मानते है
और आज के तारीख में
पर्यावरण को खुद आंदाजा लगाओ
जैसे ओज़ोन परत का क्षय होना
पेड़ पौधों कम होना
ग्रीन हाउस का बड़ना
गंदगी फैलना
उपजाऊ कम होना
जल का स्तर कम होना
जानवरो का आवास में क्षती होना या
जानवरो पर अत्याचार होना
क्योंकि हम लोग दो पल कि खुशियां पाने के लिए पर्यावरण का अंधाधुन क्षति पहुंचाई है
सब बात ये आती है
कि पर्यावण अपने अधिकार के लिए किसके पास जाए
क्या कोई सांसद है
या कोर्ट है जो इनका 100% हिसाब लेगा
और अगर है तो बस यही
सामान्य से
फिर भी ये पर्यावरण जीने दे रहा
शुद्ध हवा और पानी दे रहा
अपना मीठे फल फूल दे रहा
आजकल में फिल्म और टेलीविजन देखता हूं
अब ऐसे कोई फिल्म नहीं बन रहा जिसमे पर्यवारण के बारे में सोचे या एक बार फिर से पृथ्वी को रिफ्रेश करे
मनुष्य को पता है एक दिन ऐसा आएगा जब ये धरती में सब ईंधन और पानी हवा सब दूषित हो जाएंगे जब जीने लायक नहीं रहेंगे इसी कारण तो
जीवन के कारण चंद्रमा और मंगल ग्रह पर जीने की राह बना रहे
बस यही मानता हूं
कि जब भगवान को कोई देखा नहीं है फिर भी मंदिर , मस्जिद , गुरुद्वारा ,चर्च है
लोग पर्यावरण और जानवरो को भगवान मानने लग जाए तो
सोचो पृथ्वी मां भी गर्व करेंगे
हम सब पर
कितना आसान है ना धरती को मां कहना
और कितनी आसानी से उसी धरती का हनन होना
सब कुछ अच्छी बात है
पर कोई भी चीज में सीमित से बाहर होना
यानी उनका हनन होना है
मेरा बस यही मानना है
सोशल नेटवर्किंग साइट में मुबारक देते हो
तो ज़रा एक खास बात पर भी जोर देना
कि तिरंगा के एक रंग हरा पर भी
आपको और आपके पूरे परिवार को गणतंत्र दिवस कि हार्दिक बधाई
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